सर्वनाम किसे कहते हैं !sarvanam kise kahate hain ,उसकी परिभाषा, भेद, उदाहरण सहित,pdf

 

sarvanam kise kahate hain

सर्वनाम किसे कहते हैं उसकी परिभाषा 

 दोस्तो इस पोस्ट मे जानेंगे की सर्वनाम किसे कहते हैं , उसकी परिभाषा, उदाहरण सहित

सर्वनाम किसे कहते हैं (sarvanam kise kahate hain)


जो शब्द किसी संज्ञा के स्थान पर प्रयोग में आते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मेरा नाम रमेश है, मैं एक सिपाही हूँ। इस वाक्य में मैं शब्द रमेश के लिए आया है।


सर्वनाम की परिभाषा (sarvanam kise kahate hain)


" संज्ञा की जगह आनेवाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।" संस्कृत में सर्व का अर्थ सभी होता है, इस प्रकार सर्वनाम का अर्थ है सभी का नाम। परंतु प्रसंगवश उसका अर्थ है, संज्ञा की जगह पर उपयोग में आनेवाला शब्द।

जैसे -


वह, उसे, उसने, मैं, मेरा, मेरे, वे, हम, हमलोग आदि


उदाहरण :


राम एक लड़का है 


वह पढ़ने में तेज है।


उसने कड़ी मेहनत की है। 


उसे अवश्य सफलता मिलेगी।


मोटे अक्षरवाले शब्द सर्वनाम हैं, क्योंकि ये राम (संज्ञा) के बदले आए हैं। यदि सर्वनाम का प्रयोग न किया जाए, तो उपर्युक्त वाक्य भद्दे लगेंगे। जैसे— राम एक लड़का है।


राम पढ़ने में तेज है।


राम ने कड़ी मेहनत की है।


राम को अवश्य सफलता मिलेगी।


स्पष्ट है कि वाक्य की सुन्दरता को बनाए रखने के लिए या संज्ञा की पुनरुक्ति न हो, इसके लिए सर्वनाम का प्रयोग आवश्यक है।


हिन्दी में कुल 11 मूल सर्वनाम हैं मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कोई, क्या, कुछ और कौन । इन्हीं मूल सर्वनामों से विभिन्न प्रकार के सर्वनामों की उत्पत्ति हुई है।


सर्वनाम के कार्य


सर्वनाम के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं—


(1) संज्ञा जहाँ उसी वस्तु का बोध कराती है जिसका वह नाम है, वहाँ सर्वनाम किसी भी वस्तु का बोध कराता है, यदि पहले वह संज्ञा आ गई हो। जैसे— 


राम अच्छा लड़का है।    -  वह मेरा भाई है।


सीता अच्छी लड़की है।   -  वह मेरी बहन है


इस कुत्ते को देखो।       -   यह मेरा है ।


मुझे कई कलमें हैं।       -  वे कीमती हैं ।



(2) सर्वनाम नामों (संज्ञाओं) की पुनरुक्ति रोकता है। जैसे— 


पुनरुक्ति दोष—मोहन अच्छा लड़का है। मोहन बी. ए. में पढ़ता है।पढ़ने में तेज है। 


पुनरुक्ति दोषरहित— मोहन अच्छा लड़का है। वह बी. ए. में पढ़त है l वह पढ़ने में तेज है।


(3) सर्वनाम आदर-अनादर या छोटे-बड़े का बोध कराता है। जैसे— 

आप मेरी बहन हैं। - आदर या बड़े का बोध - 


  तू मेरी बहन है      -अनादर या छोटे का बोध



(4) सर्वनाम निकटता और दूरी का बोध कराता है। जैसे


यह लड़का है।           निकटता का बोध


ये लड़के हैं।


वह लड़का है।           दूरी का बोध


 वे लड़के हैं।



(5) सर्वनाम निश्चय और अनिश्चय का बोध कराता है। जैसे—


उसे बुलाओ।         -  निश्चित व्यक्ति


किसी को बुलाओ।   -  अनिश्चित व्यक्ति




(6) सर्वनाम प्रधान वाक्य और आश्रित वाक्यों में संबंध 


जोड़ता है। जैसे बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय ।


(7) सर्वनाम जिज्ञासा को अभिव्यक्त करता है। जैसे कौन आया है ?


तुम्हें क्या चाहिए








सर्वनाम के प्रकार

सर्वनाम के छह भेद होते हैं


1. पुरुषवाचक सर्वनाम 


2. निश्चयवाचक सर्वनाम


3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम


4. प्रश्नवाचक सर्वनाम


5. निजवाचक सर्वनाम और


6. संबंधवाचक सर्वनाम


हम एक-एक कर उनके भेदों को अच्छी तरह से जानेंगे।

पुरुषवाचक सर्वनाम  किसे कहते हैं sarvanam


 1. पुरुषवाचक सर्वनाम- जो सर्वनाम प्रथम पुरुष, द्वितीयपुरुष या अन्य पुरुष के लिए प्रयोग में आता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।


 दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि जिस सर्वनाम से कहनेवाले, सुनने वाले या जिसके बारे में बात की जा रही है उसका बोध हो, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।,


प्रथमपुरुष ( उत्तम पुरुष )        मैं और हम


 द्वितीयपुरुष (मध्यम पुरुष )     तुम और तुमलोग


अन्यपुरुष (अन्यपुरुष )      वे और वे लोग,


निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं sarvanam

2. निश्चयवाचक - सर्वनाम जो सर्वनाम किसी निश्चित वस्तु, व्यक्ति आदि के बारे में बताए, उसे निश्चियवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- यह वह, वे। यह मेरा घर है। वह राम का घर है। वे अपने लोग हैं।


अनिश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं sarvanam


3. अनिश्चयवाचक ( अनिश्चितवाचक) - जिस सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति का बोध न हो, उसे अनिश्चितवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- कुछ, कोई आदि। दाल में कुछ पड़ा है। बाहर कोई पुकार रहा है। राम कुछ बोल रहा था।

प्रश्नवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं sarvanam



4. प्रश्नवाचक -  जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं, जैसे- क्या, कौन, कहाँ, कैसे आदि। मोहन कहाँ से आ रहा है? अनिल क्या खरीदकर लाया है? कौन बोल रहा है?


निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं sarvanam


5. निजवाचक - जिस सर्वनाम से 'अपने आप, स्वयं, खुद, या आप ही का बोध हो, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- दरवाजा अपने-आप खुल गया। मैं खुद चला आऊँगा। बच्चे अपना काम खुद कर लेंगे।

संबंधवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं sarvanam

6. संबंधवाचक - जो सर्वनाम शब्द वाक्य में किसी दूसरे सर्वनाम के साथ संबंध बताने का काम करे, उसे 'संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे- जो, सो, जैसा आदि। जैसा करोगे, वैसा भरोगे। जो सोएगा, खोएगा, जो जागेगा, सो पाएगा।


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FAQ


सर्वनाम किसे कहते हैं

" संज्ञा की जगह आनेवाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।" संस्कृत में सर्व का अर्थ सभी होता है, इस प्रकार सर्वनाम का अर्थ है सभी का नाम। परंतु प्रसंगवश उसका अर्थ है, संज्ञा की जगह पर उपयोग में आनेवाला शब्द।

जैसे -


वह, उसे, उसने, मैं, मेरा, मेरे, वे, हम, हमलोग आदि





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